Monthly Archives: July 2018

शिक्षा और भूख

“देखन में छोटन लगे, घाव करे गंभीर”, बिहारी जी की ये एक पंक्ति आज से एक साल पहले से मेरे जेहन में घर सी कर गयी है| यह कहानी कही न कही इन्ही पंक्तियों को सत्य करती दिखाई देती है|हाथ में सब्जी की टोकरी लिए हुए, बाज़ार में खड़ी एक बच्ची का सब्जी बेचना भले ही छोटी बात लगे पर… Read more »